पर्सनल लोन कैसे मिलता है (How To Apply Personal Loan)
क्या है पर्सनल लोन:-
क्या है यह पर्सनल लोन : क्या है यह पर्सनल लोन, इसके क्या फायदे हैं, इसको चुकाने के लिए कितना ब्याज देना पड़ता है, कितनी राशि मिलती है, साथ ही इसके क्या जोखिम हैं, यह जानना बेहद जरूरी है।पर्सनल लोन आकस्मिक जरूरतों के लिए कम समय में, कम दस्तावेजों और बिना किसी गारंटी के बैंकों से मिलने वाला कर्ज है।
पर्सनल लोन देने में बैंक सबसे ज्यादा तरजीह वेतनभोगी व्यक्ति को देते हैं। उसमें भी अगरआपका किसी बैंक में सैलरी अकाउंट है, तो आपके लिए पर्सनल लोन लेना कहीं आसान हो जाता है। बैंक स्वरोजगारी पेशेवर जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, इंजीनियर, आर्किटेक्ट आदि को भी पर्सनल लोन देते हैं। इसके अलावा, कुछ बैंक कारोबारी जैसे प्रोपराइटर, पार्टनरशिप फर्म में पार्टनर आदि के रूप में काम कर रहे लोगों को भी पर्सनल लोन देते हैं।
क्या हैं फायदे:-
पर्सनल लोन का सबसे अहम फायदा यह है कि आपकी आकस्मिक जरूरतों के लिए यह सबसे कारगर है। साथ ही सूद पर कर्ज देने वाले व्यक्ति आदि से इस तरह की जरूरतों के लिए लेने वाले कर्ज की तुलना में कहीं सस्ता है।
बैंकों से पर्सनल लोन आपको 15-24 फीसदी की दर पर मिल जाता है। जबकि सूदखोर 30-50 फीसदी तक ब्याज ले सकता है। यहीं नहीं क्रेडिट कार्ड के जरिए लिए जाने वाले कर्ज की तुलना में भी पर्सनल लोन सस्ता होता है।किसी दूसरे कर्ज की तुलना में आपसे बैंक अमूमन यह नहीं पूछता कि पर्सनल लोन से ली जाने वाली राशि का आप क्या इस्तेमाल करेंगे.
इसके अलावा पर्सनल लोन पूरी तरह से आवेदक की क्रेडिट साख पर मिलता है। इसके लिए आपको किसी तरह की कोई पर्सनल गारंटी, थर्ड पार्टी गारंटी आदि नहीं देनी होती है।किसी तरह की गारंटी न देने से यह पूरी तरह से गोपनीय होता है। आवेदक और बैंक के अलावा कोई तीसरा पक्ष कर्ज के बारे में बिना जानकारी दिए नहीं जान सकता है। साथ ही यह 3-5 साल की अवधि के लिए आसानी से मिल जाता है।
क्या हैं जोखिम:-
पर्सनल लोन की सबसे अहम बात यह है कि दूसरे कर्ज की तुलना में यह काफी महंगा होता है। पर्सनल लोन पर चुकाई जाने वाली ब्याज दर होम लोन, ऑटो लोन की तुलना में 5-10 फीसदी तक ज्यादा होती है।सभी के लिए पर्सनल लोन लेना आसान नहीं है। बैंक काफी सतर्कता के साथ कर्ज देते हैं। गारंटी न होने की वजह से पर्सनल लोन पर जोखिम ज्यादा होता है।
ऐसे में बैंक वेतनभोगी, पेशेवर स्वरोजगारी यानी जिनका बैंकिंग रिकार्ड न केवल बेहतर है बल्कि आसानी से मौजूद हैं, उन्हें बैंक कर्ज देते हैं।ज्यादातर बैंक पर्सनल लोन का भुगतान हिस्सों में नहीं लेते हैं। यानी आप होम लोन आदि की तरह बीच-बीच में मूलधन के हिस्से की कुछ राशि जमा नहीं कर सकते हैं। बैंक समय से पहले कर्ज भुगतान के तहत पूरी राशि एक साथ लेते हैं।
सिबिल की भूमिका अहम:-
पर्सनल लोन चूंकि पूरी तरह से आवेदक की क्रेडिट साख पर निर्भर होता है। ऐसे में इसे पाने में सिबिल की भी भूमिका काफी अहम हो जाती है। यदि आपका सिबिल में रिकार्ड अच्छा नहीं है यानी क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है तो आपके लिए पर्सनल लोन लेना काफी मुश्किल हो जाएगा।
ऐसे में यह जरूरी है कि आप क्रेडिट रिकार्ड को अच्छा रखें। यानी आप लिए गए कर्ज आदि का भुगतान समय पर करें। खासतौर से क्रेडिट कार्ड का भुगतान, होम लोन, ऑटो लोन आदि का सही समय से किया गया भुगतान आपको पर्सनल लोन लेने में काफी मदद कर सकता है।
पर्सनल लोन लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान:-
आपके मोबाइल फोन पर एसएमएस व फोन के जरिए, यही नहीं ई-मेल पर भी अकसर पर्सनल लोन लेने का आग्रह आपको मिलता रहता होगा।सबसे अच्छी बात पर्सनल लोन से बचे रहें, मजबूरी में यदि लोन ले ही लिया तो इसमें कभी भी डिफॉल्टर न बनें। ऐसा होने से भविष्य में जरूरत के वक्त लोन मिलने में परेशानी बढ़ जाएगी।डिफॉल्ट की स्थिति आने पर तुरंत अपने देनदार बैंक से बात करें और आपसी सहमति से इसका समाधान निकालें। अक्सर बैंक कुछ पेनाल्टी के साथ रकम लौटाने में समय की मोहलत देते हैं। लेकिन इससे भी देनदारी का अतिरिक्त बोझ बढ़ता ही है।
अधिक होती है ब्याज दरें:-
आपको इलाज के लिए, शादी या दूसरे समारोहों, सैर-सपाटा करने आदि के लिए पर्सनल लोन बैंक से मिल सकता है। हालांकि पर्सनल लोन पर आपको होम लोन, ऑटो लोन आदि की तुलना में कहीं ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है।
वर्तमान में विभिन्न बैंकों की पर्सनल लोन की ब्याज दरें 15-24 फीसदी के बीच हैं।बैंक ऑफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी जगजीत सिंह के अनुसार पर्सनल लोन आकस्मिक जरूरतों के लिए फायदेमंद है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसके लिए बहुत कम दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। साथ ही यह बिना कोई गारंटी लिए दिया जाता है। बैंक आवेदक की क्रेडिट साख के आधार पर कर्ज देना तय करता है
कब लें पर्सनल लोन:-
इंडियन बैंक के वरिष्ठ अधिकारी आजाद सिंह के अनुसार पर्सनल लोन गैर योजनागत जरूरतों के लिए कारगर है। यानी, ऐसी जरूरतें जो अचानक आपके सामने आती हैं।हालांकि सार्वजनिक बैंक इस तरह के कर्ज देने में काफी सतर्कता भी रखते हैं, क्योंकि इसमें डिफॉल्ट का डर अधिक रहता है। ऐसे में बैंक प्रमुख रूप से वेतन भोगी वर्ग को पर्सनल लोन देने में तरजीह देते हैं।
भारतीय स्टेट बैंक पर्सनल लोन के तहत चार प्रमुख स्कीम का विकल्प अपने ग्राहकों को देता है, जिसमें एक्सप्रेस क्रेडिट, सरल, पेंशन भोगी, फेस्टिवल लोन आदि स्कीम शामिल हैं।बैंक इसके तहत विभिन्न स्कीमों के जरिए 14.45 फीसदी से लेकर 18.20 फीसदी तक ब्याज लेता है।
वहीं समय से पहले कर्ज चुकाने पर बैंक किसी तरह की कोई प्री-पेमेंट पेनॉल्टी ग्राहकों से नहीं लेता है। बैंक केवल रेंट प्लस स्कीम के तहत पूर्व-भुगतान पर एक फीसदी की पेनॉल्टी लेता है।
एचडीएफसी का पर्सनल लोन:-
इसी तरह, निजी क्षेत्र का बैंक एचडीएफसी ग्राहकों को पर्सनल लोन विभिन्न वर्गों के तहत देता है। बैंक वेतनभोगी, स्व रोजगार करने वाले प्रोफेशनल और इंडीविजुअल लोगों के लिए पर्सनल लोन देता है।बैंक इसके तहत अधिकतम 15 लाख रुपये तक का कर्ज देता है।
बैंक वेतनभोगी को 15.75-22.25 फीसदी, कारोबारी को 17.50-22 फीसदी, स्वरोजगारी पेशेवर को 14.50-15 फीसदी की ब्याज दर पर 12-60 महीने के लिए कर्ज दे रहा है।बैंक पर्सनल लोन के तहत कर्ज की राशि का 2.50 फीसदी या फिर न्यूनतम 1,000 रुपये प्रोसेसिंग शुल्क लेता है। इसके अलावा वेतनभोगी के लिए 12 महीने के अंदर समय से पूर्व भुगतान पर और कारोबारी के लिए 6 महीने के अंदर भुगतान पर बैंक कोई प्री-पेमेंट पेनॉल्टी नहीं लेता है।
इन अवधि के बाद कर्ज चुकाने पर बैंक चार फीसदी की दर पर नियमों के अनुसार प्री-पेमेंट पेनॉल्टी ग्राहकों से लेता है।पर्सनल लोन देने में चाहे सार्वजनिक बैंक हो या फिर निजी बैंक वह अमूमन व्यक्ति की साख पर ही कर्ज देते हैं। साथ ही उसके लिए होम लोन, ऑटो लोन की तुलना में आठ से दस फीसदी ज्यादा दर पर कर्ज देते हैं। ऐसे में पर्सनल लोन आकस्मिक जरूरतों के लिए कर्ज लेने का एक समझदारी भरा कदम हो सकता है। बशर्ते कि आवेदक उसे समय के साथ चुकाए।
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